दिलीप कुमार-राज कपूर की हवेलियों पर जल्द होगा रेनोवेशन का काम शुरू, खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री ने दिए 2.35 करोड़ रुपए

पिछले साल दिलीप कुमार के 97वें बर्थडे से ठीक पहले यह खबर आई थी कि पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग ने दिलीप कुमार और राज कपूर की पुश्तैनी हवेलियां खरीदने के लिए दो करोड़ रुपए मांगे हैं। अब जनवरी 2021 के पहले ही हफ्ते में यह काम पूरा हो गया है। खैबर पख्तूनख्वाह के सीएम ने करीब 2.35 करोड़ रुपए अलॉट कर दिए हैं। गौरतलब है कि इन दोनों ही इमारतों को संरक्षित कर यहां म्यूजियम बनाया जाएगा।

पेशावर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद अली असगर ने दिलीप कुमार की मोहल्ला खुदादाद में बनी 4 मंजिला इमारत और राजकपूर की अंदर शहर बाजार में बनी 6 मंजिला इमारत की कीमतें तय होने की जानकारी दी थी। इमरान सरकार ने दिलीप साहब की हवेली की कीमत 80.56 लाख और राजकपूर साहब की कोठी की कीमत 1.5 करोड़ रुपए तय की थी। अब इनके म्यूजियम में तब्दील होने का काम शुरू होगा।

बेचने तैयार नहीं थे मालिक
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार इन घरों के मालिक इन्हें बेचने तैयार नहीं थे, क्योंकि उन्हें मार्केट प्राइज के बराबर कीमत नहीं मिल रही थी। हालांकि सरकार ने इस बात को खारिज कर दिया कि वह पैसे नहीं दे रही है जबकि ओनर्स इनके महत्व को देखते हुए अधिकारियों से ज्यादा पैसों की मांग कर ब्लैकमेल कर रहे थे। राज कपूर की हवेली के मालिक ने तो उसे गिराकर शॉपिंग मॉल बनाने की प्लानिंग कर रखी थी।

2005 के भूकंप के बाद जर्जर हुई थी हालत
राज कपूर की हवेली के बारे में प्रचलित है कि 1947 के विभाजन से पहले शादी की पार्टी देने के लिए लोगों की पहली पसंद होती थी। हवेली में बुकिंग नहीं मिलने के चलते 6-6 महीने डेट्स आगे बढ़ानी पड़ती थीं। लेकिन भूकंप के बाद इसकी हालत खराब होती गई। 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इन घरों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। पर संरक्षित करने के लिए कोई झांकने तक नहीं पहुंचा था।

यह हवेली पृथ्वीराज कपूर के पिता और ऋषि कपूर के परदादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-1922 के बीच बनवाई थी। हवेली के बाहर लगी लकड़ी की प्लेट के मुताबिक, बिल्डिंग का बनना 1918 में शुरू हुआ और 1921 में यह तैयार हो गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं और हवेली के बाहरी हिस्से में खूबसूरत मोतिफ उकेरे हुए हैं। इसमें आलीशान झरोखे बने हुए हैं।

कपूर हवेली के पास ही है दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली

दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली भी कपूर हवेली के पास ही है। यह करीब 100 साल पुरानी है। दोनों हवेलियों के मालिकों ने कई बार इन्हें गिराकर कमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।



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Renovation work to begin soon on Dilip Kumar-Raj Kapoor's havelis, Khyber Pakhtunkhwa chief minister gave Rs 2.35 crore


from Dainik Bhaskar

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